खतना वह प्रक्रिया है, जिसमें फोरस्किन को सर्जिकल प्रक्रिया के द्वारा निकाला जाता है। फोरस्किन लिंग की नोक को कवर करने वाली त्वचा होती है और इस प्रक्रिया को चिकित्सा एवं गैर-चिकित्सा कारणों से किया जाता है। खतना करने के लिए अलग अलग तकनीक का प्रयोग होता है, जिनमें से निम्नलिखित तीन सबसे अधिक प्रचलित हैं:
                





                                         
                                            
                                                लेजर                                            
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                                                पारंपरिक                                            
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| चीरे का आकार | छोटे चीरे | बड़े चीरे | 
| सूक्ष्मता | सटीक | कारकों पर निर्भर | 
| रक्त हानि | कम से कम रक्त हानि | अधिक रक्त हानि होने की संभावना | 
| संक्रमण की संभावना | कम संभावना | अधिक संभावना | 
| अस्पताल में रहने की आवश्यकता | 1-2 दिन | 3-4 दिन | 
| रिकवरी | 5-7 दिनों में पूर्ण रिकवरी | 15-20 दिनों में पूर्ण रिकवरी | 
खतना की संभावित जटिलताएं इस प्रकार हैं:
वयस्क पुरुषों में खतना के लिए मूत्र रोग विशेषज्ञ या सामान्य सर्जन से परामर्श करना चाहिए। लेकिन प्रसूति विशेषज्ञ (Obstetricians) शिशुओं में खतना कर सकते हैं। इसके पश्चात कुछ धर्म गुरु इस प्रक्रिया को धार्मिक कारणों से करते हैं।
आमतौर पर, बच्चपन खतना के लिए एक अधिक आदर्श समय माना जाता है, क्योंकि इसमें दर्द कम होता है और रिकवरी जल्द से जल्द होती है। लेकिन खतना एक वैकल्पिक प्रक्रिया है और इसे किसी भी उम्र में सुरक्षित रूप से किया जा सकता है।
आमतौर पर, स्टेपलर खतना और लेजर खतना जैसी आधुनिक खतना प्रक्रियाओं को ओपन खतना प्रक्रिया से अधिक पसंद किया जाता है। लेकिन खतना के प्रक्रिया पर निर्णय आपके शारीरिक परीक्षण और निदान के बाद लिया जाता है।
अधिकांश रोगी कुछ हफ़्ते के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन वजन उठाने, एरोबिक व्यायाम, जॉगिंग, साइकिल चलाने आदि जैसी गतिविधियों को शुरू करने से पहले आपको अपने खतना सर्जन से अनुमति ज़रूर लेनी चाहिए।